प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए विशाखापट्टनम के स्कूबा गोताखोर प्रेरणा: मोदी

नई दिल्ली, 24 नवंबर (वेबवार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  एक बार फिर प्लास्टिक मुक्त भारत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विशाखापट्टनम में गोताखोरी का प्रशिक्षण देने वाले स्कूबा गोताखोरों के एक समूह की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह लोग समुद्र तट से सौ मीटर की दूरी पर जाकर प्लास्टिक कचरा बाहर निकालने में जुटे हैं। दो सप्ताह में यह लगभग चार हजार किलो से अधिक प्लास्टिक कचरा बाहर निकाल चुके हैं। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि स्कूबा गोताखोरों से प्रेरणा लेकर यदि हम भी सिर्फ अपने आस-पास के इलाके को प्लास्टिक के कचरे से मुक्त करने का संकल्प कर लें तो फिर 'प्लास्टिक मुक्त भारत' पूरी दुनिया के लिए एक नई मिसाल पेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम में गोताखोरी का प्रशिक्षण देने वाले स्कूबा गोताखोर एक दिन मंगामारीपेटा तट पर समुद्र से लौट रहे थे तो समुद्र में तैरती हुई कुछ प्लास्टिक की बोतलों और पाउच से टकरा रहे थे। इसे साफ करते हुए उन्हें मामला बड़ा गंभीर लगा। हमारा समुद्र किस प्रकार से कचरे से भर दिया जा रहा है। पिछले कई दिनों से ये गोताखोर समुद्र में तट के करीब 100 मीटर दूर जाते हैं गहरे पानी में गोता लगाते हैं और फिर वहां मौजूद कचरे को बाहर निकालते हैं। उन्होंने 13 दिनों में करीब-करीब 4000 किलो से अधिक प्लास्टिक कचरा समुद्र से निकाला है। मोदी ने कहा कि इन स्कूबा गोताखारों की छोटी-सी शुरुआत एक बड़े अभियान का रूप लेती जा रही है। इन्हें अब स्थानीय लोगों की भी मदद मिलने लगी है। आस-पास के मछुआरे भी उन्हें हर प्रकार की सहायता करने लगे है।


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