किशोरावस्था में गर्भाधान चिंता का विषय: हर्षवर्धन

एजेंसी/नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बाल विवाह और किशोरावस्था में गर्भाधान पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को अस्पतालों से निकालकर आम जनता तक ले जाने की जरुरत है।


डा. हर्षवर्धन ने यहां एक कार्यशाला 'किशोर स्वास्थ्य में निवेशः जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन' का उद्घाटन करते हुए कहा कि मानव जीवन का किशोरवस्था एक अहम चरण है। इस आयु वर्ग में निवेश करना बेहतर है जिससे नौजवान आबादी की क्षमताओं का लाभ लिया जा सके। इससे जनसांख्यिकीय लाभांश भी लिया जा सकेगा। कार्यशाला का आयोजन आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने किया था।


उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में होने वाले बाल विवाह तथा किशोरावस्था में होने वाले गर्भाधान बहुत चिंता का विषय है। इससे निपटने के लिए यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को अस्पतालों से निकालकर किशोर आबादी तक पहुंचाना होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 25.30 करोड़ किशोर आबादी है जो बचपन से युवावस्था की ओर ले जाने वाले इस महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं और जिन्हें पोषण, शिक्षा, परामर्श और मार्गदर्शन की                 आवश्यकता है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे एक स्वस्थ व्यस्क के रूप में बड़े हों। आबादी के इस समूह पर कई ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं का भी जोखिम है जिनसे बचा जा सकता है जैसे वक्त से पहले और गैर-इरादा गर्भाधान, असुरक्षित यौन संबंध, कुपोषण, एनीमिया और मोटापा तथा शराब, तंबाकू तथा नशीले पदार्थों का सेवन, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंतायें और चोट तथा हिंसा आदि। कार्यशाला में 120 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।           इनमें राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों और संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। कार्यशाला में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के लक्ष्यों एवं चुनौतियों पर चर्चा की गई।


Popular posts
नरेला से नजफगढ़ के बीच रूट नंबर 708 पर चलने वाली डीटीसी की एसी बस को डिचाऊं कला के पास जय विहार बस स्टॉप के पास एक व्यक्ति ने रुकवाया। उसके साथ दो महिलाएं भी थीं।
ड्यूटी पर मुस्तैद मार्शल कंवरजीत ने उनसे पूछा कहां जाना है, पहचान पत्र दिखाएं। जवाब में संदिग्ध मरीज और साथ मौजूद महिलाओं ने बताया कि सुबह से करीब साढ़े तीन घंटे से एंबुलेंस का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन नहीं आई।
हम दूसरा 1984 नहीं होने देंगे, केजरीवाल-सिसोदिया हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा: हाईकोर्ट
Image
पुलिस कमीश्नर को दें विवादित बयान देने वाले भाजपा नेताओं पर एफआईआर की सलाह: हाईकोर्ट
Image
डीटीसी में तैनात मार्शल, ड्राइवर और कंडक्टर की सूझबूझ से न केवल एक संदिग्ध मरीज को वक्त पर अस्पताल पहुंचाया जा सका बल्कि कोरोना संक्रमण के खतरे से भी सभी को बचा लिया गया। कर्मियों ने संदिग्ध मरीज को बस में सफर करने देने की बजाय एंबुलेंस और पुलिस के जरिए मरीज को अस्पताल भिजवाया। लॉकडाउन के दौरान पहचान पत्र देखने के बाद ही बसों में प्रवेश का मौका दिया जा रहा है।