महिलाओं को आगे बढ़ाकर ही समानता एवं समरसता पर आधारित समाज का निर्माण संभव है: कोविंद

एजेंसी/जयपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षित महिलाएं अपनी अगली पीढ़ी का बेहतर निर्माण करती हैं और महिलाओं को आगे बढ़ाकर ही समानता एवं समरसता पर आधारित समाज का निर्माण संभव है। राष्ट्रपति ने शुक्रवार को माउंट आबू में ब्रह्मकुमारी के मुख्यालय में सामाजिक परिवर्तन के लिए महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह एक सामाजिक सत्य है कि जब आप एक बालक को शिक्षित बनाते हैं तो उसका लाभ एक परिवार को मिलता है लेकिन जब आप एक बालिका को शिक्षित बनाते हैं तो उसका लाभ दो परिवारों को मिलता है।


कोविंद ने कहा कि एक और महत्वपूर्ण सामाजिक तथ्य यह है कि शिक्षित महिलाओं के बच्चे अशिक्षित नहीं रहते। शिक्षित महिलाएं अपनी अगली पीढ़ी का बेहतर निर्माण करती हैं। उन्होंने कहा, ''नारी-शक्ति के विभिन्न आयामों के समुचित उपयोग, महिलाओं के आत्म-सम्मान और गरिमा को सुनिश्चित करने में अध्यात्म की भूमिका तथा भारत की आध्यात्मिक संस्कृति के संरक्षण में महिलाओं की जिम्मेदारी से जुड़े विषयों का इस सम्मेलन के लिए चयन करने के पीछे आपकी सोच गहरी और दूरगामी है। महिलाओं को आगे बढ़ाकर ही समानता और समरसता पर आधारित समाज का निर्माण संभव है।''


उन्होंने कहा कि महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण के प्रेरक उदाहरण भी सामने आ रहे हैं। इस वर्ष,वर्तमान लोकसभा के लिए, अब तक की सर्वाधिक संख्या में, 78 महिला सांसदों का चुना जाना समाज की गौरवपूर्ण उपलब्धि है। राष्ट्रपति ने कहा, ''मुझे बताया गया है कि हरियाणा,उत्तराखंड, और उत्तरप्रदेश में'बाल लिंगानुपात' में लगभग 35 अंकों का सुधार हुआ है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन है। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में 1000 बेटों पर 1003 बेटियां पैदा होना एक सुखद सामाजिक स्थिति है।''


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