मैं ‘‘राहुल सावरकर’’ नहीं राहुल गांधी हूं, कभी माफी नहीं मांगने वाला: राहुल

एजेंसी/नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ''रेप इन इंडिया'' वाली टिप्पणी पर भाजपा की ओर माफी की मांग किए जाने पर पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि उनका नाम ''राहुल सावरकर'' नहीं हैं और वह कभी माफी नहीं मांगने वाले हैं।


उन्होंने यहां ''भारत बचाओ रैली'' में कहा, '' कांग्रेस का कार्यकर्ता किसी से नहीं डरता और देश के लिए जान देने के लिए तैयार रहता है।'' उन्होंने कहा, ''संसद में भाजपा के लोगों ने कहा कि मैं भाषण के लिए माफी मांगू। मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है। माफी नहीं माँगूँगा। मर जाऊँगा लेकिन माफी नहीं माँगूँगा।'' गांधी ने कहा, ' मोदी और अमित शाह को माफी मांगनी है। पूरी दुनिया हमारी तरफ देख रही थी। हमारी शक्ति अर्थव्यवस्था थी। लोग दुनिया का भविष्य चीन और भारत को बोलते थे।' उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने भारत की                   अर्थव्यवस्था खुद नष्ट कर दी। कांग्रेस नेता ने कहा, '' हिंदुस्तान के सभी दुश्मन चाहते थे कि भारत की अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाए। यह काम हमारे प्रधानमंत्री ने कर दिया।'' उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबन्दी करके लाखों करोड़ रुपये कुछ उद्योगपतियों को दे दिए।


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस रैली में कहा, '' तकरीबन छह साल पहले जनता को बड़े बड़े सब्जबाग दिखाए गए थे। किसानों की आमदनी दुगुनी करने और नौजवानों को हर साल दो करोड़ रोजगार मुहैया कराने का वादा किया था। अब तो साबित हो गया कि ये वादे झूठे थे।'' उन्होंने कहा कि हमारा फर्ज है कि हम कांग्रेस को मजबूत करें ताकि हम देश को सही दिशा की तरफ ले जा सके।


Popular posts
नरेला से नजफगढ़ के बीच रूट नंबर 708 पर चलने वाली डीटीसी की एसी बस को डिचाऊं कला के पास जय विहार बस स्टॉप के पास एक व्यक्ति ने रुकवाया। उसके साथ दो महिलाएं भी थीं।
ड्यूटी पर मुस्तैद मार्शल कंवरजीत ने उनसे पूछा कहां जाना है, पहचान पत्र दिखाएं। जवाब में संदिग्ध मरीज और साथ मौजूद महिलाओं ने बताया कि सुबह से करीब साढ़े तीन घंटे से एंबुलेंस का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन नहीं आई।
हम दूसरा 1984 नहीं होने देंगे, केजरीवाल-सिसोदिया हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा: हाईकोर्ट
Image
पुलिस कमीश्नर को दें विवादित बयान देने वाले भाजपा नेताओं पर एफआईआर की सलाह: हाईकोर्ट
Image
डीटीसी में तैनात मार्शल, ड्राइवर और कंडक्टर की सूझबूझ से न केवल एक संदिग्ध मरीज को वक्त पर अस्पताल पहुंचाया जा सका बल्कि कोरोना संक्रमण के खतरे से भी सभी को बचा लिया गया। कर्मियों ने संदिग्ध मरीज को बस में सफर करने देने की बजाय एंबुलेंस और पुलिस के जरिए मरीज को अस्पताल भिजवाया। लॉकडाउन के दौरान पहचान पत्र देखने के बाद ही बसों में प्रवेश का मौका दिया जा रहा है।