"मुखवीर योजना" लागू, घटते हुये लिंगानुपात की रोकथाम हेतु पुरस्कार देने की योजना

संवाददाता/कुशीनगर| बेटी बचाओं - बेटी पढ़ाओं योजना अन्तर्गत पी0सी0पी0एन0डी0टी0 एक्ट पर अभिमुखीकरण कार्यालय कलक्टेट सभागार में जिलाधिकारी डाॅ0 अनिल कुमार सिंह के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।        जिलाधिकारी डाॅ0 सिंह ने उक्त योजना के उददेश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि लड़का व लड़की के बीच भेदभाव की अवधारणा को खत्म किया जाना है। इसके प्रभावी नियन्त्रण हेतु बच्चों के जन्म का शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेसन सुनिश्चित करना होगा तथा जनपद स्तर पर गाठित कमेटी द्वारा निरन्तर निरीक्षण कर कार्यवाही की जाय, इस संबंध में उन्होेने बताया कि स्थास्थ्य विभाग द्वारा घटते हुये लिगंानुपात की रोकथाम हेतु पुरस्कार देने की योजना है। जिसके अन्तर्गत "मुखवीर योजना" लागू की गयी है|


     उन्होने बताया कि लिंग चयन/भू्रण हत्या, अवैध गर्भपात के गैर कानूनी कार्य में संलिप्त व्यक्तियों/कन्द्रों के संबंध में गोपनीय रूप से सूचना देने वाले व्यक्ति (मुखवीर) व इस कार्य में सहयोग देने वाली गर्भवती महिला (मिथ्या ग्राहक) व मिथ्या ग्राहक के सहायक को पुरस्कार स्वरूप धनराशि दिया जायेगा, जिसमें प्रथम किस्त मुखवीर हेतु 20 हजार मिथ्या ग्राहक हेतु 30 हजार व मिथ्या सहायक को 10 हजार की प्रथम किस्त दी जायेगी। इसी प्रकार इस कार्य में सहयोग करने वाले को द्वितीय व तृतीय किस्त सहित कुल मुखवीर हेतु 60 हजार, मिथ्या ग्राहक हेतु एक लाख व सहायक को 40 हजार का पुरस्कार दिया जायेंगा।
         डाॅ0 सिंह ने इस संबंध में योजना के नोडल अधिकारी डा0 संजय गुप्ता केे मोबाइल न0 9889295194 पर या सी0एम0ओ0 के मोबाइल न0 8005192674 पर काल कर सूचना देने की अपेक्षा जनपदवासियों से की है ताकि इस घ्रण्ति कार्य पर पूर्ण रूप से रोक लगायी जा सके। जिलाधिकारी ने सभी एम0वाइ0सी0 सहित स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को कड़ी हिदायत देते हुये कहा कि अभियान चलाकर इस योजना को सफल क्रियान्वयन करते हुये कृत कार्यवाही से अवगत भी कराये।
          मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 सुदर्शन सोनकर ने बताया कि अब तक अवैध रूप से संचालित 20 अल्ट्रा साउण्ड केन्द्रो के खिलाफ कार्यवाही की गयी है। उन्होने बताया कि प्रत्येक अल्ट्र साउण्ड क्लीनिक पर सूचना स्पष्ट शब्दों में हिन्दी व अगे्रजी में लिखा होना आवश्यक है कि यहॅा लिंग का परीक्षण नही किया जाता है व क्लीनिक पर रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा मरीज का अल्ट्रा सोनोग्राफी किया जायेगा, साथ ही चिकित्सक का यूनिफार्म में होना आवश्यक है। उन्होने बताया कि अल्ट्र साउण्ड का पंजिकरण दिवाल पर टंगा होना चाहिए तथा पंजिकरण रजिस्टर पर मरीज का नाम, पता, मोबाइल न0 आवश्यक रूप से दर्ज हो। इस संबंध मे उन्होने पूर्ण विवरण से अवगत करातें हुये सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियांे को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय कुमार पाडेण्य, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 बजरंगी पाण्डेय, डा0 संजय गुप्ता समिति के सभी सदस्यो सहित सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व जिला सलाहकार समिति के सदस्य गण उपस्थिति रहे।


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